जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मल्टीडिसिप्लिनरी सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड स्टडीज़ में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. तनवीर अहमद और उनकी पीएचडी छात्रा निशा चौधरी को उनके अभिनव आविष्कार के लिए पेटेंट संख्या 556810 दिया गया है। उन्होंने “जीनोमिक मार्कर और डिजिटल पैथोलॉजी इमेज-आधारित ओरल मैलिग्नेंट डिसऑर्डर की भविष्यवाणी के लिए प्रणाली और विधि का आविष्कार किया है।
डॉ. तनवीर अहमद और उनकी टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल पैथोलॉजी की मदद से एक ऐसी उन्नत प्रणाली विकसित की है, जो मौखिक कैंसर (ओरल कैंसर) के निदान और भविष्यवाणी को सटीक और किफ़ायती बनाती है। ये प्रणाली हमारे शरीर में मौजूद टिशू images की analysis कर ये पता लगाती है कि क्या वे मौखिक ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस, मौखिक ल्यूकोप्लाकिया (OLL), मौखिक लाइकेन प्लेनस (OLP), या मौखिक स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (OSCC) से संबंधित हैं। साथ ही, ये एआई की मदद से कैंसर के स्तर की जानकारी भी देती है।
ये पद्धति मौखिक कैंसर के निदान को न सिर्फ पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक सटीक बनाती है, बल्कि ये किफ़ायती भी है। इसके ज़रिए मौखिक कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीदें बढ़ी हैं। डॉ. अहमद और उनकी टीम का ये आविष्कार चिकित्सा क्षेत्र में एक नई राह खोलते हुए मौखिक कैंसर के निदान और इलाज में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है।
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