हर इंसान में अपनी कहानी लिखने और दुनिया में बदलाव लाने की क्षमता होती है। ऐसी ही एक कहानी है बिहार की Mariam Fatima की, जिन्होंने शतरंज की दुनिया में अपने जुनून और मेहनत से नाम कमाया है। बिहार की Mariam Fatima ने न सिर्फ़ बिहार के लिए इतिहास रचा है, बल्कि लड़कियों और युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा बन गई हैं।
Mariam Fatima ने शतरंज में बिहार की पहली महिला फिडे मास्टर (WFM) बनने का गौरव हासिल किया है। Director General of Bihar State Sports Authority रविंद्रन शंकरण ने इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही उनके रेटिंग नंबर ने 2100 का आंकड़ा पार कर लिया है। ये सफलता उनके मेहनत और परिवार के सपोर्ट और जुनून का नतीजा है।
Mariam Fatima मुज़फ़्फ़रपुर के चंदवारा जमीरन गाछी की रहने वाली हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जब वो महज़ 10 साल की थीं, उन्होंने स्कूल में आयोजित Under-9 स्टेट चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। इसके लिए उन्होंने अपने पिता से सिर्फ़ 200 रुपये लिए, और यहीं से उनका शतरंज का सफ़र शुरू हुआ। उनकी शुरुआती सफलता ने परिवार को ये विश्वास दिलाया कि वो इस खेल में अपना भविष्य बना सकती हैं। और इसके बाद उनके पिता हर रविवार उन्हें पटना ले जाते ताकि उन्हें ट्रेनिंग मिल सके।
मरियम ने अब तक कई स्टेट लेवल प्रतियोगिताओं में ट्रॉफी और मेडल जीते हैं। 16 साल की उम्र में महिला स्टेट चैंपियन अंडर-19 स्टेट चैंपियन, अंडर-11, अंडर-13, अंडर-15, अंडर-17, अंडर-19 और सीनियर महिला चैंपियनशिप में जीत दर्ज कर चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित बारबेड़ा डिल वैलिस ओपन चेस चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया और इसी के आधार पर उन्हें FIDE की ओर से महिला फिडे मास्टर का खिताब मिला।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरियम का अगला लक्ष्य ग्रैंड मास्टर नॉर्म हासिल करना है। Mariam Fatima की कहानी दिखाती है कि कड़ी मेहनत, लगन और परिवार का साथ किसी भी बच्चे को बड़ी सफलता दिला सकता है। उनके संघर्ष और जीत ने बिहार में शतरंज के लिए नई उम्मीद जगाई है और ये साबित किया है कि अगर हौसला हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
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