फादर स्टेनली कोझीचिरा का नाम सुनते ही ज़ेहन में एक ऐसी शख़्सियत उभरती है, जो सिर्फ़ एक पुरोहित नहीं, बल्कि रंगमंच के फ़नकार, समाज सुधारक और कम्युनिकेशन एक्सपर्ट भी हैं। उनकी ज़िन्दगी का सफ़र महज़ इबादत तक सीमित नहीं, बल्कि थिएटर, साहित्य, शिक्षा और समाज सेवा से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।
शुरुआती ज़िंदगी और परिवार
फादर स्टेनली का जन्म 25 जून 1972 को केरल के अलप्पुझा ज़िले के थम्पोली में हुआ। उनके वालिद, ऑगस्टीन, एक कॉयर फैक्ट्री में काम करते थे। फादर का बचपन बेहद सादा लेकिन ख़्वाबों से भरा था। उन्हें शुरू से ही थिएटर और नाट्यकला में गहरी दिलचस्पी थी। जैसे-जैसे वक़्त गुज़रा, ये दिलचस्पी जुनून में बदल गई और उन्होंने रंगमंच को अपनी ज़िन्दगी का मक़सद बना लिया।
पुरोहित बनने का सफ़र
18 मई 2001 को उन्हें आधिकारिक रूप से एक पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया। लेकिन यह सफ़र इतना आसान नहीं था। पुरोहित बनने के लिए कम से कम 12 साल की तालीम दरकार होती है। फादर स्टेनली ने अलग-अलग जगहों पर रहकर तालीम हासिल की। उन्होंने बीए हिंदी और इतिहास में किया और साथ ही फिलॉसफी की पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की।

पुरोहित बनने के लिए थियोलॉजी (धर्मशास्त्र) का ज्ञान ज़रूरी होता है, जिसके लिए वह चार साल तक जालंधर में रहे। इस दौरान उन्होंने खुदा, बाइबिल और चर्च की तारीख़ के साथ-साथ दुनिया के 10 बड़े मज़हबों के बारे में भी पढ़ाई की। उनकी तालीम महज़ धार्मिक नहीं थी, बल्कि समाजशास्त्र, मास मीडिया और संचार जैसे आधुनिक विषयों में भी थी। उन्होंने संचार में पीएचडी, समाजशास्त्र में एमए, मास मीडिया में एक डिग्री, बीएड और पादरी संचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा हासिल किया।
थिएटर और कला से जुड़ाव
फादर स्टेनली का थिएटर से लगाव कोई मामूली बात नहीं थी। वे 30 से ज़्यादा सालों से इस फ़न से जुड़े हुए हैं और 110 से ज़्यादा नाटकों व नुक्कड़ नाटकों का निर्माण और निर्देशन कर चुके हैं। वे स्ट्रीट थिएटर के माहिर हैं और पिछले 22 सालों से इस पर वर्कशॉप करवा रहे हैं।
2012 में उन्होंने सेंट जॉन मैरी विएनी के जीवन पर आधारित नाट्य निर्माण “आर्स के क्रांतिकारी” को निर्देशित किया, जिसने उन्हें प्रतिष्ठित लिम्का वर्ल्ड रिकॉर्ड दिलवाया। इस नाटक में दिल्ली आर्चडायसिस के पुजारियों ने प्रमुख भूमिकाएं निभाईं।
मीडिया और कम्युनिकेशन में योगदान
फादर स्टेनली महज़ रंगमंच तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने दूरदर्शन और अन्य प्रोडक्शन हाउसेज़ के लिए बतौर निर्देशक, सहायक निर्देशक, वरिष्ठ निर्माता और पटकथा लेखक काम किया। वे कई वृत्तचित्र और टेली-फ़िल्में बना चुके हैं। उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया
भारत में कैथोलिक मीडिया और संचार के क्षेत्र में एक जाना माना नाम फादर स्टेनली, कई महत्वपूर्ण संस्थानों से जुड़े हुए हैं। वे संचार, आध्यात्मिकता और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्तित्व हैं। उनके द्वारा निभाई जा रही भूमिकाएं न सिर्फ़ कैथोलिक समुदाय बल्कि समाज के व्यापक वर्गों के लिए भी अहम हैं।
1. सिगनिस इंडिया (वर्ल्ड कैथोलिक कम्युनिकेटर्स एसोसिएशन) के अध्यक्ष
कैथोलिक मीडिया को सशक्त बनाने और समकालीन मुद्दों पर संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, वे सिगनिस इंडिया के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। यह संगठन संचार माध्यमों का उपयोग कर सामाजिक न्याय, शांति और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है।
2. ईश वाटिका (Eco-Spirituality Center) के निदेशक
पर्यावरण और आध्यात्मिकता के संगम पर कार्य करने वाली संस्था ईश वाटिका के निदेशक के रूप में, वे लोगों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने और ईको-स्पिरिचुअलिटी के माध्यम से आत्मिक विकास की प्रेरणा देते हैं। उनका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिकता के बीच संतुलन बनाना है।
3. वॉयस ऑफ दिल्ली (आर्चडायोसिस की समाचार पत्रिका) के संपादक
कैथोलिक चर्च से जुड़ी प्रमुख पत्रिका वॉयस ऑफ दिल्ली के संपादक के रूप में वे विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सामयिक विषयों पर जागरूकता बढ़ाते हैं। यह पत्रिका दिल्ली के आर्चडायसिस की आधिकारिक सूचना स्रोत भी है।
4. बुलंद प्रजातंत्र (कैथोलिक बिशप्स द्वारा संचालित हिंदी टैब्लॉयड) के संपादक
वे बुलंद प्रजातंत्र के संपादक भी हैं, जो कैथोलिक बिशप्स द्वारा संचालित एक प्रमुख हिंदी टैब्लॉयड है। इसके माध्यम से वे समाज में धर्म, नैतिकता और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हैं।
5. दिल्ली आर्चडायसिस मीडिया आयोग के निदेशक
मीडिया और संचार की शक्ति को पहचानते हुए, उन्होंने दिल्ली आर्चडायसिस मीडिया आयोग के निदेशक के रूप में जिम्मेदारी संभाली है। इस पद पर रहते हुए वे ईसाई संचार माध्यमों को अधिक प्रभावी बनाने और चर्च की गतिविधियों को जनसामान्य तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
6. वाईएमसीए, नई दिल्ली के गवर्निंग बोर्ड के सदस्य
सामाजिक कार्यों और प्रशासनिक अनुभव के चलते वे वाईएमसीए, नई दिल्ली के गवर्निंग बोर्ड में भी शामिल हैं। इस भूमिका में वे युवा सशक्तिकरण, शिक्षा और सामाजिक उत्थान से जुड़े कार्यक्रमों में योगदान दे रहे हैं।
ईश वाटिका: एक आध्यात्मिक पहल
2014 से ही फादर स्टेनली दिल्ली आर्चडायसिस के लिए ईश वाटिका की स्थापना में जुटे हुए हैं। यह केंद्र दिल्ली के बाहरी इलाके, नजफ़गढ़ में स्थित है। ईश वाटिका का मकसद प्रकृति और अध्यात्म के संगम को बढ़ावा देना है। यह स्थान मानसिक शांति, पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिक साधना के लिए समर्पित है।
समाज के लिए योगदान
फादर स्टेनली ने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए कई रचनात्मक और प्रभावशाली परियोजनाओं पर काम किया। उनके योगदान शिक्षा, आध्यात्मिकता और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने तकनीक, सिनेमा और नाट्य कला का उपयोग करके लोगों तक ईश्वरीय संदेश और प्रेरणा पहुंचाई।
1. दिव्यवचन: मोबाइल उपकरणों के लिए हिंदी बाइबिल ऐप
तकनीक के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, फादर स्टेनली ने दिव्यवचन नामक एक हिंदी बाइबिल ऐप विकसित किया। यह ऐप उन लोगों के लिए एक वरदान साबित हुआ जो अपनी मातृभाषा में बाइबल का अध्ययन और प्रार्थना करना चाहते हैं।
2. आर्स की क्रांतिकारी: सिने ड्रामा
इस सिने नाटक के माध्यम से फादर स्टेनली ने समाज में आध्यात्मिकता और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का प्रयास किया। इस नाटक की कहानी दर्शकों को आत्मचिंतन और आध्यात्मिक जागरूकता की ओर प्रेरित करती है।
3. पुत्रोदय: ईसा मसीह के जन्म पर आधारित टेली-फिल्म
फादर स्टेनली ने पुत्रोदय नामक टेली-फिल्म का निर्माण किया, जो ईसा मसीह के जन्म की कहानी पर आधारित है। इस फिल्म ने दर्शकों को बाइबिल की शिक्षाओं को समझने और उनसे प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान किया।
4. मोथेबेगाना: फ्रांसिस्कन सिस्टर के जीवन पर सिने नाटक
यह सिने नाटक फ्रांसिस्कन सिस्टर्स के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने समाज सेवा, शिक्षा और गरीबों की मदद के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। इस नाटक के माध्यम से दर्शकों को उनकी त्याग और सेवा की भावना से अवगत कराया गया।
5. फ्रांसेस्को: असीसी के सेंट फ्रांसिस के जीवन पर सिने नाटक
सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी के जीवन और उनके महान कार्यों को प्रस्तुत करने के लिए फ्रांसेस्को नामक सिने नाटक तैयार किया गया। यह नाटक दर्शकों को सादगी, प्रेम और करुणा के महत्व को समझाने का प्रयास करता है।
6. राइज: ईसाई शिक्षा पर सिने नाटक
शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता लाने के लिए राइज नामक सिने नाटक का निर्माण किया गया। यह नाटक ईसाई शिक्षा और उसके प्रभाव को उजागर करता है, जो समाज में नैतिकता और सच्चाई के प्रसार में सहायक है।
7. पॉल और तलवार: सेंट पॉल द एपोस्टल के जीवन पर सिने नाटक
फादर स्टेनली ने पॉल और तलवार के माध्यम से सेंट पॉल के प्रेरणादायक जीवन को प्रस्तुत किया। इस नाटक में उनकी आध्यात्मिक यात्रा, संघर्ष और ईसाई धर्म के प्रसार में उनके योगदान को प्रभावी ढंग से दिखाया गया है।
8. द नॉट्स: पारिवारिक मुद्दों पर आधारित सिने नाटक
पारिवारिक संबंधों और उनके संघर्षों को दर्शाने के लिए द नॉट्स नामक सिने नाटक तैयार किया गया। इस नाटक में पारिवारिक एकता, आपसी समझ और क्षमा के महत्व को दर्शाया गया है।
9. द एबोड ऑफ लव: उड़ाऊ पुत्र के दृष्टांत पर आधारित नाटक
यह नाटक उड़ाऊ पुत्र की कहानी पर आधारित है, जो आत्म-खोज, पश्चाताप और पिता के प्रेम की गहराई को उजागर करता है। यह नाटक दर्शकों को यह संदेश देता है कि सच्चा प्रेम और क्षमा हमें हमेशा वापस अपने मूल्यों की ओर ले आते हैं।
फादर स्टेनली: एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व
फादर स्टेनली न केवल एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं, बल्कि वे एक कुशल प्रशिक्षक, कलाकार, और क्रिएटिव डिज़ाइनर भी हैं। उनकी रुचियां और विशेषज्ञता कई क्षेत्रों में फैली हुई हैं, जिससे वे समाज में एक प्रेरणादायक और प्रभावशाली भूमिका निभाते हैं।
1. थिएटर और परफॉर्मिंग आर्ट्स में गहरी पकड़
फादर स्टेनली का थिएटर से विशेष लगाव है। उन्होंने स्ट्रीट थिएटर, थिएटर वर्कशॉप, और परफॉर्मेंस कोचिंग के माध्यम से कई कलाकारों और युवाओं को प्रशिक्षित किया है। उनके नाट्य कार्यक्रमों का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना और सकारात्मक बदलाव लाना है।
2. प्रभावी संचार के लिए कोचिंग और ट्रेनिंग
संचार कौशल को सुधारने के लिए फादर स्टेनली कम्युनिकेशन कोचिंग, स्किल्स ट्रेनिंग, और मोटिवेशनल कोचिंग प्रदान करते हैं। उनके सत्र लोगों को आत्मविश्वास बढ़ाने, सार्वजनिक रूप से प्रभावी रूप से बोलने, और अपने विचारों को सटीकता से प्रस्तुत करने में मदद करते हैं।
3. शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यक्तित्व निर्माण और व्यावहारिक जीवन कौशल से भी जुड़ी होती है। फादर स्टेनली एजुकेशन ओरिएंटेशन ट्रेनिंग के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं ताकि वे शिक्षा को अधिक प्रभावी और प्रासंगिक बना सकें।
फादर स्टेनली कोझीचिरा की ज़िंदगी एक मिसाल है कि किस तरह एक इंसान अपने जुनून को न सिर्फ़ अपनी पहचान बना सकता है, बल्कि उसे समाज की भलाई के लिए भी इस्तेमाल कर सकता है। वे थिएटर, मीडिया, शिक्षा और अध्यात्म के संगम के प्रतीक हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि अगर इरादे नेक हों और मेहनत ईमानदार हो, तो कोई भी इंसान अपने सपनों को हक़ीक़त में बदल सकता है।
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