जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सैयद आबिद हुसैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल की टीचर और मशहूर कहानीकार, डॉ. रख़्शंदा रूही मेहदी को उनके रचनात्मक लेखन के लिए दिल्ली उर्दू अकादमी सम्मानित करेगी। इस सम्मान के तहत उन्हें 2 लाख रुपये, एक शॉल और स्मृति चिन्ह दिया जाएगा। डॉ. रूही की साहित्यिक यात्रा प्रेरणा का स्रोत है। उनकी आठ प्रकाशित किताबों में दो कहानी संग्रह, एक शोध पुस्तक अलखदास, और दो उपन्यासों के उर्दू से हिंदी अनुवाद शामिल हैं। उनकी लेखनी ने पाठकों और समीक्षकों पर गहरी छाप छोड़ी है।
नौलखी कोठी के हिंदी अनुवाद ने दिलाई वैश्विक पहचान दिलाई
पिछले साल, उनके कहानी संग्रह मॉनसून स्टोर को मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी ने ₹50,000 के पुरस्कार से सम्मानित किया था। उनके साहित्यिक कार्यों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। ख़ासतौर पर, पाकिस्तानी उपन्यास नौलखी कोठी के हिंदी अनुवाद ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई। उनकी कहानियां समाज की सच्चाइयों और भावनाओं को बहुत गहराई से उजागर करती हैं। उनके साहित्य में प्रेम और संवेदनाओं के रंग हैं, जो पाठकों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं। उनकी लेखनी उर्दू और हिंदी दोनों में प्रभावशाली मानी जाती है। डॉ. रूही ने न केवल साहित्य में अपना नाम रोशन किया है, बल्कि अपनी कहानियों और अनुवाद कार्यों से समाज को भी प्रेरित किया है।
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