राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स की शुरुआत बुधवार को चांद दिखने के साथ हो गई है। सूफ़ी फाउंडेशन के चेयरमैन और दरगाह के गद्दीनशीन हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने इस मौके पर सभी को उर्स की मुबारकबाद दी। हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा, यह मौका अमन, भाईचारे और इंसानियत का संदेश देता है।” उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल दरगाह में चादर भेज रहे हैं। यह परंपरा 1947 से चली आ रही है, जब से देश आज़ाद हुआ। हर साल प्रधानमंत्री दरगाह में चादर के साथ अमन और भाईचारे का संदेश भी भेजते हैं।
खादिम सैयद मुनव्वर चिश्ती ने जानकारी दी कि उर्स की शुरुआत के साथ ही दरगाह का जन्नती दरवाजा भी खोल दिया गया है, जो साल में केवल चार बार खुलता है। यह दरवाजा छह दिनों तक खुला रहेगा। मान्यता है कि जन्नती दरवाजे से होकर दरगाह में ज़ियारत करने वालों को जन्नत नसीब होती है। इस वजह से बड़ी संख्या में ज़ायरीन यहां आते हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 जनवरी 2025 को दरगाह में चादर भेजेंगे। उनकी तरफ से केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू चादर लेकर अजमेर जाएंगे। प्रधानमंत्री एक दिन पहले दिल्ली में दरगाह से जुड़े प्रतिनिधियों को यह चादर सौंपेंगे, जो इसे अजमेर तक ले जाएंगे।
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