कहते हैं, मेहनत और पक्के इरादों के साथ हर मुश्किल रास्ता आसान लगता है। अगर दिल में जज़्बा हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं लगती। इसी हौसले और ताकत की मिसाल हैं नॉर्थ कश्मीर के बारामूला ज़िले के सोपोर की रहने वाली Aamina Qayoom, जिन्होंने साल 2024 में रोइंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है और इस जीत के साथ अपने माता-पिता और स्कूल का नाम रोशन किया है। इस जीत की सबसे ख़ास बात ये रही है कि आमिना एक Specially Abled बच्ची हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपने हौसले को कम नहीं होने दिया।
आमिना क़य्यूम सपनों की उड़ान
15 साल की Aamina Qayoom,उस वक्त नौवीं कक्षा में थीं जब उन्होंने यह मुक़ाम हासिल किया। उन्होंने DNN24 को बताया, “मैं रहमत आलम एजुकेशनल ट्रस्ट, सोपोर में पढ़ती थीं। इसी दौरान कश्मीर में पहली बार वाटर स्पोर्ट्स का आयोजन हुआ, जो बारामूला इंडोर स्टेडियम में खेला गया। इस इवेंट में कई स्कूलों ने हिस्सा लिया और मैंने भी रोइंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। यह मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन मैंने मेहनत की और गोल्ड मेडल जीता।” आमिना ने बताया कि प्रतियोगिता में हिस्सा लेना उनके लिए चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उनके टीचर्स, कोच और पिता ने उन्हें हर कदम पर सपोर्ट किया। उनकी बदौलत आमिना ने ये मुक़ाम हासिल किया।

पिता का समर्थन और परिवार का हौसला
Aamina Qayoom के पिता एक टीचर हैं। जब DNN24 ने उनसे बातचीत की, तो उन्होंने बताया, “आमिना पैदाइशी Specially Abled है। डॉक्टरों ने कहा था कि वो ज़्यादा दिनों तक ज़िंदा नहीं रहेगी। लेकिन अल्लाह का शुक्र है कि उसने हमें ये तोहफ़ा दिया। आज हमें गर्व महसूस होता है कि Aamina Qayoom हर एरिया में आगे बढ़ रही है।” वो बताते हैं कि Aamina Qayoom,न केवल रोइंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुकी है, बल्कि उसने क्लस्टर लेवल एग्ज़ाम में भी पहला स्थान हासिल किया है। उन्होंने कहा, “आमिना ने 600 में से 589 नंबर हासिल किए, जो बेहद गर्व की बात है। हम चाहते हैं कि वह राज्य, राष्ट्रीय और फिर विश्व स्तर तक जाए।”
Aamina Qayoom के पिता अपनी बेटी का बहुत ख़्याल रखते हैं। वो उसे खुद अपने हाथों से जूते पहनाते हैं और उसे कभी यह महसूस नहीं होने देते कि वो Specially Abled है। वो उसे एक राजकुमारी की तरह प्यार और सम्मान देते हैं और उसकी हर छोटी-बड़ी खुशी का ख़्याल रखते हैं।

नेशनल लेवल तक पहुंचने का सपना
डिस्ट्रिक्ट लेवल पर गोल्ड मेडल जीतने के बाद अब आमिना का सपना है कि वह राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे और न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करे। Aamina Qayoom,की ये कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो किसी भी मुश्किल को अपने सपनों की राह में बाधा समझते हैं। अगर हौसला बुलंद हो, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। अब आमिना की नज़रें नेशनल चैंपियनशिप पर हैं और वह अपने अगले टारगेट की ओर पूरे जोश के साथ बढ़ रही हैं।
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