राजस्थान के कोटा की बेटी आयशा ख़ानम ने 39वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स 2024 की 200 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। यह सफलता उन्होंने अपने पिता के निधन के बाद कठिन समय में हासिल की। आयशा ख़ानम की मां और कोच विशाल ने उन्हे सहारा दिया और हिम्मत बांधी। आयशा ने 5 दिसंबर को उड़ीसा के भुवनेश्वर में आयोजित चैंपियनशिप में 200 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया और 24.73 सेकंड का समय लेते हुए सिल्वर मेडल जीता।
अपनी इस जीत को आयशा ने अपने पिता को समर्पित करते हुए कहा, “यह मेडल मेरे अब्बा के नाम है। उन्होंने हमेशा सिखाया कि कभी हार मत मानो। यह उनकी मेहनत और सपनों का नतीजा है।” आयशा के पिता अब्दुल रहीम का सपना था कि उनके बच्चे बड़े खिलाड़ी बनें। उन्होंने अपनी टायर रिपेयर शॉप से कमाएं पैसों से आयशा और उसके भाई-बहनों की ट्रेनिंग शुरू करवाई थी। पिता के निधन के बाद समाज के लोगों ने परिवार को आर्थिक और भावनात्मक सहारा दिया। पहल फाउंडेशन के राष्ट्रीय सचिव फारुख़ राणा ने कहा कि आयशा की मेहनत और उनके पिता की प्रेरणा से यह जीत संभव हुई। कोच विशाल ने आयशा को मानसिक रूप से मज़बूत बनाया, जिससे वह नेशनल टूर्नामेंट में पदक जीत सकीं।
आयशा की कहानी यह साबित करती है कि मज़बूत इरादे और कड़ी मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनकी यह सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो कठिन हालात में भी अपने सपनों को पूरा करने का जज़्बा रखते हैं।
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