दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर धनतेरस के मौके पर सांप्रदायिक सौहार्द की ख़ूबसूरत तस्वीर सामने आई है। धनतेरस के मौके पर हज़रत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसका मकसद समाज में भाईचारा कायम करना था। इस कार्यक्रम में अलग-अलग धर्मों और समुदायों के लोग इकट्ठा हुए और भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने का जश्न मनाया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने समाज को एकजुटता का संदेश देते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधता की विशेषता को रेखांकित करते हुए इसे दुनिया के लिए एकता और अखंडता का प्रतीक बताया। उन्होंने इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर की शिक्षाओं का याद करते हुए कहा कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
उन्होंने ख़ास तौर से मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने दुआ की है कि मुस्लिम समाज की बेटियां, बहनें, और बहुएं किसी भी तरह की अन्यायपूर्ण परंपराओं का शिकार न बनें। अपने अधिकारों की रक्षा और उन्हें समान अवसर देने की ज़रूरत है, ताकि वो समाज में सशक्त रूप से अपनी पहचान बना सकें।
इसके अलावा उन्होंने जात-पात, छुआ-छूत और भेदभाव को समाप्त करने पर ज़ोर देते हुए कहा, “किसी भी समाज की प्रगति तभी संभव है जब उसमें सभी को समान अधिकार और अवसर मिले।”
धनतेरस और दीपावली जैसे पर्वों के दौरान पटाखों का इस्तेमाल नहीं करने को कहा। कार्यक्रम के दौरान सभी धर्मों के लोगों ने साथ में दुआ की, इस कार्यक्रम में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिनमें मोहम्मद अफ़जाल, गिरीश जुयाल, रजा हुसैन रिज़वी, अबु बकर नकवी, शालिनी अली, शाहिद सईद, हाफिज़ साबरीन, इमरान चौधरी, ताहिर हुसैन, केशव पटेल और शाकिर अली जैसे प्रमुख नाम शामिल थे।
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