श्रीनगर के रहने वाले शिल्पकार एजाज हुसैन के दादा मोहम्मद जान दूसरों के लिए पश्मीना शॉल आदि की कढ़ाई करते थे। महीने भर कड़ी मेहनत के बाद उन्हें 15-20 रुपए मिलते थे। तीसरी पीढ़ी के शिल्पकार एजाज हुसैन ने खुद अपना बिजनेस शुरू किया और वह अब लाखों की कमाई करते हैं। वह श्रीनगर में एक शोरूम भी खोल रखे हैं और 60-70 लोगों को रोजगार देकर उनके परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं।
उनका उत्पाद देश के विभिन्न राज्यों में सप्लाई किया जाता है। उन्हें जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा 2004 में राज्यस्तरीय पुरस्कार से भी नवाजा गया था। शिल्पकार एजाज हुसैन की कहानी देशभर के हुनरमंदों के लिए प्रेरणास्रोत हो सकती है।
इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं।
ये भी पढ़ें: हमारे अमरोहा के कमाल अमरोही
आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं।