रीवा ज़िले की आयशा अंसारी की कहानी एक प्रेरणा की मिसाल है। हाल ही में उन्होंने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल की है। डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना देखने वाली आयशा अंसारी ने अपने संघर्ष और समर्पण से इसे साकार कर दिखाया है। आयशा के पिता, मुस्लिम अंसारी, एक ऑटो चालक हैं। जीवन की कठिनाइयों का सामना करते हुए उन्होंने अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आर्थिक स्थिति कठिन होने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी बेटी को हमेशा प्रेरित किया। आयशा ने भी अपने पिता के संघर्ष को देखकर ठान लिया कि उन्हें अपने माता-पिता का सपना पूरा करना है।
आयशा अंसारी ने बिना कोचिंग के पास किया MPPSC Exam
आयशा ने अपने कमरे में एक स्टडी रूम बनाया और मोबाइल का इस्तेमाल कर पढ़ाई की। कोचिंग का सहारा नहीं लिया। उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई। जब आयशा ने यह मुकाम हासिल किया, तो उनके घर में खुशियों का माहौल बन गया। मोहल्ले के लोग बधाई देने आए। आयशा का मानना है कि युवाओं को हमेशा मेहनत करनी चाहिए और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आयशा अंसारी की यह सफलता न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे रीवा ज़िले के लिए भी एक प्रेरणा है। यह बताता है कि कठिनाइयों के बावजूद, आत्म-विश्वास और लगन से हम अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
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