गणतंत्र दिवस 2025 पर कुवैत की शेख़ा अल-सबाह को योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने खाड़ी देशों में योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। शेख़ा अल-सबाह ने 2014 में कुवैत का पहला लाइसेंस प्राप्त योग स्टूडियो ‘दार आत्मा’ स्थापित किया। यह स्टूडियो योग, ध्यान और उपचार के ज़रिए लोगों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। ‘दार आत्मा’ का उद्देश्य एक ऐसा सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराना है, जहां लोग अपनी क्षमताओं को पहचान सकें और आत्म-विकास कर सकें।
शेख़ा अल-सबाह का योग में उल्लेखनीय योगदान
शेख़ा अल-सबाह ने योग को सिर्फ व्यायाम तक सीमित न रखते हुए इसे एक चिकित्सा पद्धति के रूप में प्रस्तुत किया है। उन्होंने बच्चों के लिए ‘शम्स यूथ योगा’ की सह-स्थापना भी की, जो विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करता है। उनका योग स्टूडियो कुवैत में याकूब टॉवर, दूसरी मंज़िल, हमौद जैद अल ख़ालिद स्ट्रीट, सल्मिया में स्थित है।
शेख़ा का मानना है कि हर व्यक्ति को अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानकर दुनिया के सामने लाना चाहिए। वह ध्यान और मौन साधना करती हैं, जिससे उन्हें आत्म-ज्ञान और दूसरों को प्रेरित करने का अवसर मिलता है। शेख़ा अल-सबाह को पद्मश्री से सम्मानित किया जाना भारत और कुवैत दोनों के लिए गर्व की बात है। शेख़ा अल-सबाह के प्रयासों ने भारत और कुवैत के सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूत किया है।
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