ये कहानी है बिहार के मुंगेर ज़िले की, जहां गुलज़ार पोखर मस्जिद के इमाम मोहम्मद अहमद बुख़ारी की बेटी हबीबा बुखारी ने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में 30वां स्थान लाकर जज बनने का गौरव हासिल किया है। उनकी यह सफलता न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे मुंगेर शहर के लिए गर्व का विषय है।
हबीबा बुख़ारी की शुरूआती पढ़ाई मुंगेर में हुई। उन्होंने इंटरमीडिएट और लॉ की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पूरी की। बचपन से ही वो जज बनने का सपना देखती थी। उन्होंने पटना हाई कोर्ट में रहकर कानून, केस स्टडी और करंट अफेयर्स पर गहन अध्ययन किया और अपनी मेहनत से यह मक़ाम हासिल किया। हबीबा का परिवार आर्थिक रूप से मज़बूत नहीं था। उनके पिता की सीमित आय में घर चलाना भी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। हबीबा ने भी ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च खुद उठाया और अपने सपने को पूरा किया।
हबीबा बुख़ारी की यह सफलता उन लड़कियों के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने का हौसला रखती हैं। उनकी कहानी साबित करती है कि मज़बूत इरादों और कड़ी मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता हैं। यह सफ़र समाज में एक बड़ा संदेश देता है कि बदलाव की शुरुआत घर से होती है। हबीबा की यह उपलब्धि हर लड़की और महिला को यह विश्वास दिलाती है कि सपने देखो और उन्हें पूरा करने के लिए संघर्ष करो।
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