मध्यप्रदेश के मशहूर उर्दू शायर और लेखक अंजुम बाराबंकवी इन दिनों सुर्खियों में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी राम पर लिखी ग़ज़ल की तारीफ़ करते हुए एक पत्र भेजा, जिसे पाकर अंजुम बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। राम पर लिखी ग़ज़ल लिखने की वजह पूछी गई, तो उन्होंने कहा, “राम सिर्फ़ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि हमारे देश की संस्कृति और विरासत का अहम हिस्सा हैं। पहले भी कई शायरों ने राम और कृष्ण पर लिखा है, लेकिन यह पहली बार है जब मैंने पूरी ग़ज़ल श्रीराम पर लिखी है।” अब तक अंजुम बाराबंकवी 10 ग़ज़लें लिख चुके हैं और नवंबर 2025 तक 50 ग़ज़लें पूरी कर उन्हें एक पुस्तक के रूप में प्रधानमंत्री को भेंट करेंगे।
शायर अंजुम बाराबंकवी को प्रधानमंत्री मोदी का पत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा, “आपने अपनी ग़ज़ल में प्रभु श्रीराम के प्रति अपने प्रेम को सुंदर ढंग से व्यक्त किया है।”
अंजुम बाराबंकवी की ग़ज़ल के कुछ खास शेर:
“दूर लगते हैं मगर पास हैं दशरथ नंदन,
मेरी हर साँस का विश्वास हैं दशरथ नंदन।”
“दिल के काग़ज़ पे कई बार लिखा है मैंने,
इक महकता हुआ अहसास हैं दशरथ नंदन।”
उनका जन्म 1 जनवरी 1964 को बाराबंकी, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक और बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से पीएचडी की ली। उनका मानना है कि साहित्य, कला और आस्था समाज को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम है। उनकी यह पहल उर्दू साहित्य और सांस्कृतिक समरसता को नई दिशा देगी।
इस ख़बर को आगे पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं
ये भी पढ़ें: अमीर ख़ुसरो: शायरी, सूफ़ियत और हिन्दुस्तानी तहज़ीब का नायाब नगीना
आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं।